जानिए वास्तु और जूते -चप्पल के दुष्प्रभाव (लाभ--हानि) 

  जानिए वास्तु और जूते -चप्पल के दुष्प्रभाव (लाभ--हानि) 

हम अपने जूते चप्पल घर की देहरी पर उतार देते हैया फिर अंदर लेकर चले आते है। ऐसा करना न केवल वास्तु शास्त्र के हिसाब से गलत हैवहीं ज्योतिष शास्त्र में भी घर में शुद्धता रखने की बात कही गई है। ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद शास्त्री बताते हैं की घर जितना शुद्ध रहेगा उतना ही घर में लक्ष्मी का वास बना रहेगा। 
 
वास्तु शास्त्र में ऐसी बातें बताई गई है जिनके माध्यम से घरेलू समस्याओं कासमाधान आसानी से कर सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ वास्तु नियमों का पालन करना होगा।जिससे आपके घर में प्रवेश होने वाली नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी और आपके घर मेंसुख-शांति बनी रहेगी। उपयोग में आने वाले जूते – चप्पल को एक व्यवस्थित ढंग से, उचित स्थान पर हमेशा पश्चिम की ओर ही रखना चाहिए। वास्तु के अनुसार जो जूते चप्पलउपयोग के न हों उन्हें घर में ना रखें उन्हें किसी गरीब को देदें ।पुराने जूतेचप्पल रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और आपके घर से समस्याऐं जाने कानाम ही नहीं लेती हैं।ऐसा करने से शनि देव का प्रकोप भी कम होता है ।
 
परिवार के अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि घर में पूरी तरह साफ-सफाई रहे, गंदगी न हो, धुल-मिट्टी न हो। गंदगी के कारण हमारे स्वास्थ्य को तो नुकसान है साथही इससे हमारी आर्थिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।जूते-चप्पल से संबंधित कुछऐसी बातें हैं, जिनका ध्यान न रखने पर बहुत सारी अनचाही समस्याओं से रूबरू होनापड़ता है। बाहर से आते समय घर के दरवाजे पर ही जूते-चप्पल उतार दें। इससे बाहरीगंदगी और धूल घर में नहीं आती। घर भी साफ -सुथरा रहता है।
 
वैसे तो यह काफी प्राचीन परंपरा है जिसे सिर्फ एक रूढि़वादिता नहीं माना जासकता बल्कि यह साइंटिफिक फैक्ट है। घर में जूते रखने के लिए एक स्थान रखें। जहां परपरिवार के सभी सदस्य सलीके से अपने जूते पहनें और उतारें। जिन लोगों के घर में जूतेइधर-उधर बिखरे रहते हैं, वहां शनि की अशुभता का प्रभाव रहता है। शनि को पैरों काकारक माना गया है इसलिए पैरों से सम्बद्ध रखने वाली किसी भी वस्तु को साफ़-सुथरा औरयथाक्रम रखना चाहिए। किसी से जूते गिफ्ट में न लें अन्यथा उसका अभाग्य आपके भाग्यका नाश कर देगा।
 
वास्तु शास्त्र के अनुसार जिस घर में गंदगी रहती है वहां कई प्रकार की आर्थिकहानि होती हैं और हमेशा पैसों की तंगी बनी रहती है। जब भी हम कहीं बाहर जाते हैं तबहमारे जूते-चप्पलों में गंदगी लग जाती है जिसे लेकर हम घर आ जाते हैं। काफी लोग घरमें जूते-चप्पल पहनते हैं जबकि शास्त्रों के अनुसार घर में नंगे पैर ही रहना चाहिएक्योंकि घर में कई स्थान देवी-देवताओं से संबंधित होते हैं उनके आसपास जूते-चप्पललेकर जाना शुभ नहीं माना जाता है।
 
मकान की दांयी तरफ की खिड़कियों का बहुत महत्व होता है. ये व्यक्ति के जीवन औरसमृद्धि से जुड़ी होती है. मकान की दांयी तरफ की खिड़कियों का प्रतिनिधि ग्रह सूर्यहोता है. तथा सूर्य, पुत्र सन्तान का प्रतिन निधि भी है. यदि मकान की दांयी तरफ कीखिड़कियां कमजोर और टूटी हुई है तो परिवार में पुरुष संतति कष्ट में रहती है. अगरदांयी खिडकी में दरार है तो परिवार में पुरुष वर्ग पर संकट बना रहता है. दरार राहूतथा केतु का प्रतिनिधित्व करती है. जिन्हें सूर्य का शत्रु माना जाता है. दांयी ओरकी मुख्य खिडकी रसोई में खुलती है तो परिवार में पुरुष वर्ग के लिए शुभ होता है.क्योंकि सूर्य खिडकी का प्रतिनिधि है, शुक्र रसोई घर का प्रतिनिधि है, और मंगलअग्नि का कारक है. ऐसे घर में रहने वाले लोग पत्नी के सहयोगी होते है.
 
यदि दांयी ओर की खिडकी किसी गोदाम में या स्टोर में खुलती है या किसी भी तरहका खिडकी में दोष उत्पन्न हो रहा हो तो पिता-पुत्र में आपस में नहीं बनती है. वेसदा किसी ना किसी बात पर पर आपस में लड़ते ही रहते है. परिवार के पुत्र तमोगुणीहोने लगते है. घर में सूर्य का प्रकाश पहुंचना बहुत ही जरूरी होता है. जिस घर में सूर्य का प्रकाश नहीं पहुंचता है, पूर्व में कोई खिडकी नहीं होती है. या घर केअन्दर दिन में भी अँधेरा रहता है, गेंहू आदि खाने पीने की चीजों पर प्रकाश कीकिरणें नहीं पहुँचती है तो समझ लीजिए उस घर में सूर्य-शनि का कुप्रभाव है. ऐसे घरके स्वामी और परिजनों को नींद ना आने की बिमारी, शरीर में टूटन, बेचैनी सदा ही बनीरहेगी.
 
किसी भी घर में दांयी या बाँयी खिडकी, आगंतुक व्यक्ति के प्रवेश एवं निकलने केसमय दांयी ओर व बाँयी ओर की खिडकी का विचार किया जाता है. घर में बाँयी खिडकी काप्रति निधि ग्रह चन्द्रमा है. ज्योतिष में चन्द्रमा स्त्री ग्रह है और जगत माता कारूप है. अगर घर की बाँयी ओर वाली खिडकी ठीक ठाक है. उनमे से पर्याप्त हवा व प्रकाशघर में आ रहा है तो तो कोई गंभीर समस्या घर में उत्पन्न नहीं होती है. घर कीबेटियाँ तथा स्त्रियाँ हमेशा सुखी रहती है. इसके विपरीत घर के बाँयी ओर यदिखिड़कियां ही ना हो तो घर में एक व्यक्ति अवश्य ही निठल्ला रहता है. और वह मानसिकरूप से भी विकृत एवं बीमार रहता है. चन्द्रमा मस्तिष्क का स्वरूप है. और घर मेंबाँयी ओर का भाग पाप ग्रह केतु से प्रभावित रहता है.
 
अगर घर में बाँयी खिडकी के आसपास या सामने दरार होती है तो वंहा केतु पाप ग्रहका प्रभाव अवश्य होने लगता है. इसके प्रभाव से घर में स्त्रियाँ सदा ही रोग सेपेशान रहेंगी व मानसिक रूप से भी चिडचिडी रहेंगी. उनका किसी काम में मन नहीं लगेगा.इसलिए वास्तु और ज्योतिष दोनों के अनुसार घर या भवन के दांयी और बाँयी खिड़कियांसूर्य देव तथा चंद्र देव का प्रतिनिधित्व करती है. साथ ही यह दोनों ग्रह हमेशा राहूव केतु से भी प्रभावित रहते है. यही कारण है कि यदि कोई जूते या चप्पल पहन कर घर याभवन में प्रवेश करता है तो राहू तथा केतु ग्रह भी उसके साथ प्रवेश कर जाते है.इसलिए घर में प्रवेश करते समय जूते, चप्पल बाहर उतारे जाने का प्रचलन हमारेशास्त्रों में था जिससे कि घर में कोई बाधा या रुकावट ना आए. अभी भी यदि इन नियमोंको हम घर में अपना ले तो जीवन सुखी बना सकते है क्योंकि जब जीवन में बाधा या रुकावटही नहीं रहेगी तो फिर हमारा जीवन सुख समृद्धि से परिपूर्ण रहेगा ...
 
परिवार के अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि घर में पूरी तरह साफ-सफाई रहे, गंदगी न हो, धुल-मिट्टी न हो। गंदगी के कारण हमारे स्वास्थ्य को तो नुकसान है साथही इससे हमारी आर्थिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।घर में चप्पल और जूते कोसीधा रखना चाहिए. उलटे चप्पल और जूतों को अशुभ माना जाता हैं. चप्पल और जूतों कोमंदिर और रसोईघर के आस-पास नही रखना चाहिए. इससे स्वास्थ सम्बन्धी समस्या हो सकतीहैं और इसे अशुभ भी माना जाता हैं.
 
शास्त्र के अनुसार जिस घर में गंदगी रहती है वहां कई प्रकार की आर्थिक हानिहोती हैं और हमेशा पैसों की तंगी बनी रहती है। जब भी हम कहीं बाहर जाते हैं तबहमारे जूते-चप्पलों में गंदगी लग जाती है जिसे लेकर हम घर आ जाते हैं। काफी लोग घरमें जूते-चप्पल पहनते हैं जबकि शास्त्रों के अनुसार घर में नंगे पैर ही रहना चाहिएक्योंकि घर में कई स्थान देवी-देवताओं से संबंधित होते हैं उनके आसपास जूते-चप्पललेकर जाना शुभ नहीं माना जाता है।
 
ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद शास्त्री बताते हैं की यदि घर की देहरी पर जूतेचप्पल रखे जाते है तो न केवल घर का वातावरण अशुद्ध रहेगा वहीं लक्ष्मी का आगमन भीनहीं होने से आर्थिक स्थिति में संकट उत्पन्न हो सकता है और यदि घर के भीतर तक जूतेचप्पल लाये जाये तो गंदगी आकर घर को गंदा करेगी, इसलिये इस मामले में सावधानी बरतनेकी जरूरत है।
 
ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद शास्त्री बताते हैं की जूते चप्पल के लिये आप अपनेघर की देहरी के थोड़ी दूर या आंगन में लकड़ी की छोटी अलमारी रखी जा सकती है। मान्यताहै कि देहरी  को जितना पवित्र रखा जायेगा उतनी ही घर में बरकत होने के साथ लक्ष्मीका आगमन बना रहेगा। 
 
जूते-चप्पल घर के बाहर या घर के अंदर ऐसे स्थान पर रखना चाहिए जहां से गंदगीपूरे घर में न फैले। घर के बाहर भी जूते-चप्पलों को व्यवस्थित ढंग से ही रखा जाना चाहिए। बेतरतीब रखे गए जूते-चप्पल वास्तु दोष उत्पन्न करते हैं। अत: इससे बचनाचाहिए। यदि घर में चप्पल पहनना ही पड़े तो घर के अंदर की चप्पल दूसरी रखें, जिसे बाहर पहनकर न जाएं।
ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद शास्त्री बताते हैं कि गलत तरह के जूते पहनने सेभी वास्तुदोष हो सकता है। वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि हमारे जीवन से जुड़ीहर चीज का सम्बन्ध किसी न किसी ग्रह से होता है, ऐसे ही जूते भी आपके करियर और धनपर कई प्रकार से असर डाल सकते हैं।आज के जमाने में हर इंसान जूते चप्पल का प्रयोगजरूर करता है, क्या आप जानते हैं कि जूते से भी हमारी किस्मत जुड़ी होती है, 
 
आइये जानते हैं जूतों से जुड़े कुछ वास्तु टिप्स-
 
1. टूटे-फूटे जूते-चप्पल नहीं पहनने चाहिए, अभाग्य बढ़ता है। साफ-सुथरे औरसुंदर फुटवियर पहनने से गुडलक हमेशा साथ रहता है।
2. सीढ़ी के नीचे जूते-चप्पल एवं घर का बेकार सामान नहीं रखें।
3. वास्तुशास्त्र में बताया गया है कि कभी भी गिफ्ट में मिले हुए जूतों कोनहीं पहनना चाहिए। गिफ्ट में मिले जूतों को पहनने से करियर पर गलत असर पड़ताहै। 
4. कभी-कभी पैसे ना होने के कारण कई लोग फटे हुए जूते ही पहनकर बाहर चलेजाते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार फटे हुए जूते पहनकर बाहर जाने से करियर में मिलरही सफलता असफलता में बदल जाती है।
5. तोहफे में मिले या चुराये हुए ना पे‍हने, इससे शनि कुपित होते हैं
6. उधड़े या फटे हुऎ जूते ना पे‍हने!
7. लोहे के काम से जुड़े तथा मेडिकल वाले सफेद जूते नहीं पे‍हने!
8. शिक्षक तथा बैंक कर्मचारियों को कॉफी कलर के जूते नहीं पहननेचाहिय!
9. शनिवार को जूते चप्पल नहीं खरीदने चाहिये!
10. शनि खराब चल रहा है तो शनिवार को शनि मंदिर में जूते चप्पल किसी जरूरमंदको दान करें!
11. जूते चप्पल का चोरी होना शुभ संकेत है!
12. शादी में अगर रुकावट आ रही है तो, शादी की बात में बिना चप्पल केबैठें!
13. कमरे में बाईं ओर चप्पल उतार कर अंदर जाना चाहिये!
14. घर में अगर जूते चप्पल बिखरे रहेंगे तो राहु केतु गृह खराब होगा, राहुवैभव का गृह है इसलिए कभी भी घर में जूते चप्पल पहनकर ना जायें, ना ही खाना खातेसमय जूते पे‍हने!
15. घर के किसी भी कोने में खासकर मध्य में जूते-चप्पल (मृत चर्म) नरखें।
16. जूतों के रखने का स्थान घर के प्रमुख व्यक्ति के कद का एक चौथाई डेढ़फुटसे ज्यादा न हो।
17. सीड़ियों के नीचे कभी भी जूते चप्पल ना रखें, बच्चों के पड़ाई के लिएअच्छा नहीं होता!
18. दरवाजे के सामने या आस पास कभी भी जूते चप्पल ना रखें!
19. पलंग के नीचे कभी जूते ना रखें!
20. तिजोरी या गल्ले के पास और रसोईघर में जूते पहन कर ना जायें! 
21. जूते पहन कर मन्दिर में ना जायें तथा मोजे पहन कर भी मंदिर में नहीं जानाचाहिये! 
22. ऑफिस में कभी भी भूरे जूते पहनकर नहीं जाना चाहिए। इससे नौकरी पर अच्छाअसर नहीं पड़ता है। 
23. अगर आप पढ़ाई लिखाई कर रहे हैं या बैंकिंग सेक्टर से संबंध रखते हैं तोआपको भी भूरे रंग के जूते पहनने से बचना चाहिए। ये जूते पहनने से आर्थिक नुक्सान होसकता है।
24. जूते-चप्पल पहनकर कभी भी भोजन नहीं करना चाहिए। इससे दुर्भाग्य मेंवृद्धि होती है। 
 
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