सिक्युरिटाइजेशन डील नहीं के कारण बैंकों ने माइक्रोफाइनेंस सेक्टर से बनाई दूरी

सिक्युरिटाइजेशन डील नहीं के कारण बैंकों ने माइक्रोफाइनेंस सेक्टर से बनाई दूरी

नई दिल्ली। पहले से ही फंड की कमी झेल रहे माइक्रोफाइनेंस सेक्टर के लिए एक और समस्या खड़ी हो गई है। बैंक उनके साथ सिक्युरिटाइजेशन डील नहीं कर रहे हैं। ऐसे में उनके लिए कर्ज देना आने वाले दिनों में और मुश्किल हो सकता है। इंडस्ट्री के अनुसार सिक्युरिटाइजेशन डील में नोटबंदी के बाद से 90 फीसदी तक कमी आ आ गई है। अगर सिक्युरिटाइजेशन डील में गिरावट आती है तो उसका सीधा असर प्राथमिकता क्षेत्र को मिलने वाले कर्ज पर दिखेगा। जिसमें पहले से बैंकों की निगेटिव ग्रोथ हुई है।
90 फीसदी तक गिरावट
मुत्थुट फिनकार्प लिमिटेड के सीईओ सद्दाफ सैयद ने moneybhaskar.com को बताया कि नोटबंदी के बाद से अभी माइक्रोफाइनेंस सेक्टर निगेटिव ग्रोथ में हैं। यानी कर्ज देने की ग्रोथ काफी कम हो गई है। इसके साथ ही बैंक सिक्युरिटाइजेशन डील में भी लगातार कमी कर रही है। नोटबंदी के बाद से डील में करीब 90 फीसदी की गिरावट हुई है। ऐसे में माइक्रोफाइनेंस सेक्टर के लिए फंड जुटाने का एक बड़ा जरिया कम हो गया है। जिसका असर हमारी ग्रोथ पर आने वाले दिनों में दिखेगा।
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