वैज्ञानिक तरीके से लैण्ड रिकार्ड मॉडर्नाइजेशन समय की महत्ती आवश्यकता -राजस्व राज्यमंत्री

  वैज्ञानिक तरीके से लैण्ड रिकार्ड मॉडर्नाइजेशन समय की महत्ती आवश्यकता -राजस्व राज्यमंत्री

जयपुर, 4 अगस्त। राजस्व एवं उपनिवेशन राज्यमंत्री श्री अमराराम ने कहा है कि वैज्ञानिक तरीके से लैण्ड रिकार्ड मॉडर्नाइजेशन आज की महत्ती आवश्यकता है। इसे धरातल पर साकार करने में सैटलमेंट विभाग की अहम भूमिका है।
श्री अमराराम शुक्रवार को दुर्गापुरा में राज्य कृषि प्रबंध संस्थान में डिजीटल इण्डिया भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी) के तहत प्रदेश में सर्वे एवं री-सर्वे के तकनीकी पक्षों के सम्बन्ध में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला एवं प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सैटलमेंट विभाग बहुत पुराना विभाग है, जब भी सीमाओं अथवा भूमि के विवाद सामने आते हैं तो त्रुटियों का निदान करते हुए यह विभाग पूरी जिम्मेदारी से अपने कर्तव्य का निर्वहन करता है।
आधुनिक तकनीक से दूरगामी परिणाम
राजस्व राज्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश डिजीटल इण्डिया के तहत आधुनिक तकनीक अपनाते हुए विकास के शिखर की ओर अग्रसर है। डीआईएलआरएमपी के तहत भारत सरकार की मंशा के अनुरूप प्रदेश के 11 जिलों में जमाबंदी व नक्शों का डिजिटाईजेशन तथा मॉडर्न रिकार्ड रूम तैयार करने जैसे कार्य चल रहे हैं, शेष 22 जिलों में शीघ्र ही ये कार्य प्रारम्भ होंगे। इनसे जनता के व्यापक हित में दूरमागी परिणाम आएंगे।
विकास बने मिसाल
श्री अमराराम ने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की सोच है कि कदम ऐसे रखो कि निशान बन जाएं, विकास ऐसा करो कि मिसाल बन जाए।  उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित अमीन, पटवारी, ए.एस.ओ. व एस.ओ. सहित सैटलमेंट विभाग के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों से इसी भावना के अनुरूप भू-अभिलेख आधुनिकीकरण के कार्य को सम्पादित करने का आह्वान किया।
भूमि प्रगति का मूल आधार
भू-प्रबन्धन आयुक्त एवं नोडल अधिकारी डीआईएलआरएमपी श्री अम्बरीष कुमार ने कहा कि भूमि  मनुष्य एवं अर्थव्यवस्था के विकास का मूल आधार है। लैण्ड रिकार्ड डिजिटाईजेशन से लोगो के लिए अपनी जमीन से सम्बन्धित ट्रान्जेक्शन आसान होगा। इसीलिए भारत सरकार ने यह कार्यक्रम चलाया है जिसके तहत राज्य सरकार के राजस्व विभाग द्वारा यह महत्ती कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए मूल ढांचा तैयार हो गया है तथा कम्पनियों का चयन कर उनके माध्यम से कार्य किया जा रहा है।
कार्यशाला में भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी श्री जी.एस. संधू, संयुक्त सचिव राजस्व श्री सांवरमल वर्मा, एडिशनल सैटलमेंट कमिश्नर श्री अरुण गर्ग व कन्सलटैंट श्री एन.के. कालरा, कार्य से जुड़ी कम्पनियों के प्रतिनिधि तथा सभी जिलों से आए अमीन, सदर, मुंशरिम, निरीक्षक, सैटलमेंट अधिकारी, सहायक सैटलमेंट अधिकारी सहित संबंधित अधिकारी व कार्मिक उपस्थित थे।
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