राष्ट्रीय बालिका दिवस- 24 जनवरी को आयोजित होगा बेटी बचाओ का महा-जागरुकता उत्सव

राष्ट्रीय बालिका दिवस- 24 जनवरी को आयोजित होगा बेटी बचाओ का महा-जागरुकता उत्सव

जयपुर, 23 जनवरी। प्रदेशभर में राष्ट्रीय बालिका दिवस-24 जनवरी को राज्य पीसीपीएनडीटी प्रकोष्ठ द्वारा डाटर्स आर प्रीसियस अभियान के अंतर्गत डैप संवाद -2 का महा-आयोजन कर जागरुकता उत्सव के रूप में मनाया जायेगा। इस दिन लगभग 5 हजार से अधिक शैक्षणिक संस्थानों में प्रशिक्षित डैप रक्षकों द्वारा 24 जनवरी को एक साथ प्रातः 10 से 1 बजे के मध्य लगभग 8 लाख से अधिक युवाओं को बेटी बचाओ का संदेश दिया जायेगा। साथ ही सभी स्थानों पर प्रातः 11.30 बजे प्रतिभागी युवाओं एक साथ मिलकर राष्ट्रगान गायेंगे। इस तरह का महाआयोजन एक नये विश्व रिकार्ड की ईबारत लिखेगा।
अध्यक्ष राज्य समुचित प्राधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं मिशन निदेशक श्री नवीन जैन ने बताया कि गत वर्ष नवम्बर माह में अधिक से अधिक युवाओं तक कन्या भ्रूण हत्या के विरूद्ध आवश्यक तथ्य पहुचांने के लिए इस प्रकार के संवाद युद्ध स्तर पर किये जाने हेतु डीएपी रक्षक की अवधारणा पर कार्य किया गया था। इन Volunteers को डीएपी रक्षक का नाम दिया गया तथा इन्हें गहन प्रशिक्षण देकर इन Volunteers को विस्तार से इस कार्य के संम्बन्ध में समस्त जानकारियां दी गई। 17 नवम्बर 2016 को इन्हीं Volunteers के माध्यम से पूरे राज्य में एक ही दिन और एक ही समय पर 773 केन्द्रों पर जागरूकता संवाद आयोजित कर 1.58 लाख युवाओं को बेटी बचाओ का संदेश दिया गया। इस विशाल जन-जागरुकता अभियान के इतने बड़े पैमाने पर आयोजन को विश्व रिकार्ड बुक में भी शामिल किया गया है।
श्री जैन ने बताया कि इस आयोजन के बाद प्रदेशभऱ में डाटर्स आर प्रीसियस की यह मशाल लाखों में हो गयी। बेटियों को बचाने और भ्रूण लिंग जांच और कन्या भ्रूण हत्या के विरुद्ध तैयार यह मशाल की लौ को और तेज करने के लिये राष्ट्रीय बालिका दिवस 24 जनवरी के अवसर पर डैप का दूसरा महाजागरुकता दिवस आयोजन करने का निर्णय लिया गया। इस क्रम में सर्वप्रथम 6 जनवरी को दुर्गापुरा स्थित कृषि अनुसंधान केन्द्र में डैप रक्षकों का प्रशिक्षण आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण में 700 से अधिक डैप रक्षकों को प्रशिक्षण किया गया। इसके बाद डैप रक्षकों के प्रशिक्षण का क्रम चला। इसके बाद 9 जनवरी को उदयपुर के गीतांजलि मेडिकल कालेज सभागार में संभाग स्तरीय डैप रक्षक प्रशिक्षण में 625,13 जनवरी को जयपुर में 750, 15 जनवरी को जोधपुर में 472, 16 जनवरी को कोटा में 657 एवं 19 जनवरी को दौसा में 83 डैप रक्षकों को प्रशिक्षित किया गया। इसके बाद 20 जनवरी को एक दिन में शेखावाटी क्षेत्र में सीकर में 415 एवं झुंझुनूं में 600 डैप रक्षकों को प्रशिक्षित किया गया। जयपुर स्वास्थ्य भवन में एक और प्रशिक्षण आयोजित कर 136 डैप रक्षकों को और प्रशिक्षत किया गया। अब तक कुल 4438 डैप रक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है। जिला स्तर पर अलग से पीसीपीएनडीटी कार्डिनेटर एवं आईईसी समन्वयकों द्वारा आवश्यकतानुसार डैप प्रशिक्षण आयोजित किये गये हैं। इन डैप रक्षकों में प्रत्येक वर्ग अपनी भूमिका निभा रहा है। सोशल मीडिया, मोबाईल मैसेज और काल्स के माध्यम से शानदार रेस्पांस मिला है। उम्मीद कि इस महाआयोजन के बाद राजस्थान में कन्या जन्म के प्रति सकारात्मक वातावरण तैयार होगा तथा भ्रूण लिंग जांच में लिप्त समाजकंटकों पर नियंत्रण करने में मदद मिलेगी।
राजस्थान में पीसीपीएनडीटी एक्ट की क्रियान्विति, डिकाय आपरेशन एवं डाटर्स आर प्रीसियस अभियान एक परिचय
प्रदेश में बाल लिंगानुपात (Child Sex Ratio) लगातार गिरने के कारण चिंताजनक स्थिति बन गयी थी। सन 1981 में बाल लिंगानुपात 1000 लडकों पर 954 लडकियां थी जो 30 वर्षो में गिरते हुए 2011 की जनगणना में केवल 888 रह गया। इसी बीच 1994 में पीसीपीएनडीटी अधिनियम, 1996 में इसके नियम तथा 2003 में आवश्यक संशोधन होने के उपरान्त भी कन्या भ्रूण हत्या के कारण बाल लिंगानुपात में गिरावट जारी रही। जो कि पिछले कुछ समय से राजस्थान में जनसंख्या का लिंगानुपात बढ़ रहा था। ऐसे में 0-6 वर्ष की आयु वर्ग में लडकियों की संख्या का भारी मात्रा में गिरना यह साबित कर रहा था कि समाज में जागरूकता के साथ साथ सख्ती से कानून के पालन की गहन आवश्यकता है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के पीसीपीएनडीटी अनुभाग द्वारा बीड़ा उठाया गया।
राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य जहां प्रत्येक सोनोग्राफी मशीन के साथ सोनोग्राफी की फिल्म रिकार्डिग हेतु एक्टिव ट्रेकर लगाया जाना आवश्यक है। अब सोनोग्राफी केन्द्रों को मशीन पर जीपीएस लगाना भी अनिवार्य कर दिया गया है। राजस्थान देश का पहला राज्य है, जहां सभी सातों संभागों में पीसीपीएनडीटी न्यायालय कार्यरत है एवं पीसीपीएनडीटी ब्यूरो आफ इन्वेस्टीगेशन पुलिस थाना कार्यरत है। थाने की स्थापना के बाद वर्ष 2013 में 5, 2014 में 3 एवं 2015 में कुल 5 डिकाय आपरेशन किये गये।
अध्यक्ष राज्य समुचित प्राधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं मिशन निदेशक श्री नवीन जन ने बताया कि वर्ष 2015 के बाद भ्रूण लिंग परीक्षण करने वालों के खिलाफ डिकाय आपरेशन का बिगुल बजाकर सज़ा दिलाने का एक मिशन छेड़ा गया। प्रदेश में मुखबिर तंत्र को और सुदृढ़ किया गया एवं मुखबिर योजना को संशोधित कर और भी व्यवहारिक बनाकर लांच किया गया। भ्रूण लिंग परीक्षण में लिप्त डाक्टर को रंगे हाथों पकड़ने की योजना के तहत अब तक राज्य में 101 डिकाय आपरेशन किये गये हैं। 2016 में कुल 25, वर्ष 2017 में 42 एवं वर्ष 2018 में अब तक 5 डिकाय आपरेशन कर कोख के हत्यारों को पकड़कर सजा दिलवायी गयी है। अब तक कुल 28 डिकाय आपरेशन किये गये हैं। इन कार्यवाहियें में अब तक 237 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। 
श्री जैन ने बताया कि दूसरे राज्यों में प्रदेश की गर्भवती महिलाओं द्वारा भ्रूण परीक्षण कराये जाने की घटनाओं को मद्देनजर रखते हुये राजस्थान ने सीमावर्ती राज्यों के साथ इंटरस्टेट वर्कशाप्स एवं कान्फ्रैंस आयोजन की अभिनव पहल की। इससे अन्तर्राज्यीय डिकाय कार्यवाहियों को काफी बल मिला है। न्यायपालिका से भी इस पुनीत कार्य में लगातार समन्वय रखने से बेहतर परिणाम सामने आ रहे हैं। प्रदेश में पीसीपीएनडीटी अधिनियम की शत प्रतिशत अनुपालना करते हुए राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड एवं राज्य सलाहकार समिति की बैठक गत वर्षों में तय समय पर आयोजित इनमें आये सभी प्रकरणों का शत-प्रतिशत निस्तारण किया गया है तथा राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड में लिये गये सभी निर्णयों की अनुपालना की जा चुकी है। राज्य में कार्यरत निःशुल्क चिकित्सा परामर्श 104 व 108 टोल फ्री नम्बर सेवा पर कन्या भ्रूण हत्या व लिंग परीक्षण की शिकायत दर्ज कराने की सुविधा उपलब्ध करवायी गयी है। इस पर आने वाली शिकायतों का त्वरित निस्तारण किया जाता है।
23 सितम्बर, 2016 को प्रारम्भ हुआ डाटर्स आर प्रीसियस
पीसीपीएनडीटी एक्ट की प्रभावी पालना सुनिश्चित करने के उपरान्त विभाग द्वारा यह महसूस किया गया कि कानून की पालना करने से हम बहुत सीमित रूप से ही भ्रूण लिंग जांच तथा कन्या भ्रूण हत्या पर अंकुश लगा सकते हैं परन्तु समाज में जागृति अभियान आयोजित करने से आमजन की मानसिकता को बदलने से आशातीत सफलता मिल सकती है। इसी भावना के मद्देनजर दिनांक 23 सितम्बर, 2016 को केन्द्रीय चिकित्सा राज्यमंत्री द्वारा जयपुर में आयोजित एक समारोह में डाटर्स आर प्रीसियस कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इस कार्यक्रम के तहत विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, उच्च माध्यमिक विद्यालयों के साथ-साथ मेडिकल, नर्सिंग, तकनीकी, प्रबन्धकीय संस्थानों में भी युवाओं के साथ संवाद आयोजित किया जाता है। इसमें पावर पाईन्ट प्रस्तुतिकरण तथा कुछ वीडियो क्लिप्स के माध्यम से इस बुराई के विरूद्ध मजबूत संदेश दिया जाता है। यह कार्यक्रम कोई भाषण नहीं होकर आपसी संवाद (Inter Action)  के रूप में सम्पादित किया जाता है। राजस्थान के सभी जिलों के अनेक संस्थानों में डीएपी कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया है।
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