जानिए दशहरा / विजयदशमी  मनाये की प्रचलित कथाएं 

  जानिए दशहरा / विजयदशमी  मनाये की प्रचलित कथाएं 

   पहली कथा इस प्रकार है- प्राचीन काल में जब महिषासुर नामक राक्षस तपस्या कररहा था तो उसकी तपस्या से खुश होकर देवताओं ने उसे अजेय होने का वरदान दिया था, वरदान प्राप्त करने के बाद महिषा सुर और ज्यादा हिंसक हो गया था उसने अपना आतंकइतना ज्यादा फैला रखा था की सारे देवतागण उसके भय के कारण देवीदुर्गा की आराधनाकरने लगे, ऐसा माना जाता है की देवी दुर्गा के निर्माण होने में देवताओं का सहयोगथा महिषा सुर के आतंक से बचने के लिए देवताओं ने अपने अस्त्र शस्त्र देवी दुर्गा कोदिए थे तब जाकर देवी दुर्गा और शक्तिशाली हो गयी थी, इसके बाद महिषा सुर को समाप्तकरने के लिए देवी दुर्गा ने  महिषा सुर के साथ पूरे 9 दिन युद्ध की थी और महिषा सुरका वध करने के बाद देवी दुर्गा महिषासुर मर्दिनी कहलाई. तभी से नवरात्रि का त्यौहारमनाया जाता है.
 
दूसरी कथा- विजयादशमी की पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम को जब आयोद्धाछोड़कर 14 वर्ष के लिए वनवास जाना पड़ा था और उसी वनवास काल के दौरान रावण ने सीता काहरण कर लिया था तब भगवान राम सीता माता को वापस लाने के लिए नौ देवियों की पूजा कीथी और पूजा से प्रसन्न होकर देवी दुर्गा ने श्री राम भगवान को वरदान दिया था और कईशक्तियां भी प्रदान की थी वरदान प्राप्त करने के बाद दशमे दिन भगवान श्री राम औररावण का युद्ध हुआ और इसी युद्ध में रावण का वद्ध हुआ था और तभी से राम नवमी औरविजयादशमी का त्यौहार मनाया जाता है  
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