सही समय शुभ कार्यों के लिए

सही समय शुभ कार्यों के लिए

इस पुष्य-नक्षत्र में किसी भी प्रकार का पूजा कर्म फलदायी होता है। गु गुरु पुष्य समायोगे सिद्धयोग: शुभ, मांगलिक कर्मों के संपादनार्थ गुरु-पुष्यामृत योग वरदान सिद्ध होताहै। इस योग में किया गया जप, ध्यान, दान, पुण्य महाफलदायी होता है परंतु पुष्यनक्षत्र में विवाह व उससे संबधित सभी मांगलिक कार्य वर्जित हैं। यह एक ऐसा खास ज्योतिषीय योग है जिस दौरान गुरु ग्रह का का पुष्य नक्षत्र में प्रवेश होता है। इस नक्षत्र में देवगुरु बृहस्पति के आ जाने से यह समय अत्यंत प्रभावशाली बन जाताहै।