जानिए विजय हेतु कोनसा पशु – पक्षी व पेड़ शुभ रहता है

  जानिए विजय हेतु कोनसा पशु – पक्षी व पेड़ शुभ रहता है

  पंडित दयानंद शास्त्री केअनुसार मानव के सबसे निकट पशु और पक्षी ही रहते हैं तथा इनमें स्वामी के प्रतिस्वामी भक्ति भी अधिक रहती है। पशु-पक्षियों को किसी भी घटना, चाहे वह अच्छी  हो याबुरी, की जानकारी पूर्व से ही प्राप्त हो जाती है तथा उनके क्रिया-कलापों में भीघटना के अनुरूप परिवर्तन आता रहता है। यदि पशु और पक्षी की ऊर्जा की सकारात्मक हैतो अच्छा परिणाम एवं ऊर्जा नकारात्मक है तो बुरा परिणाम प्राप्त होता है। हम यहांपर उन पशु और पक्षियों का वर्णन कर रहे हैं, जो सीधे-सीधे चुनाव परिणाम को प्रभावितकरते हैं जिनको दो भागों में विभक्त किया गया है।
 
चुनाव परिणाम में शुभ पशु-पक्षी : - पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसारनिम्नानुसार वर्णित पशु या पक्षियों को मुख्य निवास स्थान अथवा प्रमुख चुनावकार्यालय में रखने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होकर चुनाव परिणाम पक्ष में होता है-सफेद घोड़ा, मुर्गा, सफेद बैल, कबूतर, लाल गाय, सफेद गाय, हिरण, मच्छर, पतंगा, नेवला, गोकुल गाय, हाथी, मछली, चिड़िया, मोर, मधुमक्खी, काली चींटी, चकोर औरभौंरा।
 
चुनाव परिणाम में अशुभ पशु-पक्षी : - पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसारनिम्नानुसार वर्णित पशु या पक्षियों को मुख्य निवास स्थान अथवा प्रमुख चुनावकार्यालय में रखने से नकारात्मक ऊर्जा प्राप्त बढ़ती है जिससे परिणाम बाधित होकरविजय प्राप्ति में अवरोध उत्पन्न करते हैं। अत: उक्त पशु और पक्षी निवास स्थान एवंचुनाव कार्यालय में कदापि नहीं रखना चाहिए। भैंस, बंदर, बछड़ा, बिल्ली, उल्लू, खजूरा, लाल चींटी, लाल कुत्ता, सांप, दीमक, बाघ, कौवा, बिच्छू, बकरा, सिंह, गिद्ध, कान, तोता एवं लाल बैल।
 
ध्यान रखें विजय प्राप्ति हेतु पेड़-पौधे : - प्रत्याशी के घर एवं चुनावके मुख्या कार्यालय में विद्यमान पेड़-पौधे भी विजय एवं पराजय के सूचक होते हैंजिनका वर्णन निम्न प्रकार है-
विजयसूचक पेड़-पौधे : रूईदार, तुलसी, मनीप्लांट, पारिजात और औदुम्बर।
पराजयसूचक पेड़-पौधे : अंगूर, कांटेदार वृक्ष, बबूल, बेर, अनार, पपीता, पलास, इमली, पीपल, बरगद, केतकी। 
  • Powered by / Sponsored by :