प्राचीन और आधुनिक योग

  प्राचीन और आधुनिक योग

   प्राचीन और आधुनिक योग - सभी के लिए---
योग के दैहिक अभ्यास की सुंदरता यह है कि योग आसन आपको संभाले रखते हैं आप  वृद्ध हो या जवान ,हृष्ट पुष्ट हों या कमज़ोर। उम्र के बढ़ने के साथ आपकी समझ आसनोके प्रति प्रगतिशील हो जाती है। आप आसनों के बाहरी संरेक्षण  एवं प्रक्रिया से आगेबढ़कर आंतरिक शुद्धिकरण और अंततः केवल आसान में ही बने रहने तक पहुँच जाते है। योगहमारे लिए कभी भी पराया नहीं रहा है। हम योग तबसे कर रहे हैं जब से हम शिशु थे चाहेवह 'बिल्ली खिचाव' आसन हो जो मेरुदंड बनता हो या 'पवन मुक्त' आसन  जो पाचन को बढ़ावादेता है। आप देखेंगे कि शिशु दिन भर में कोई न कोई आसन   कर रहा होता है। विभिन्नलोगों के लिए योग के विभिन्न रूप हो सकते हैं । हम दृढ़ संकल्पित हैं कि हम आपकोअपनी योग - जीवन की राह को खोजने में सहायक होंगे |  
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