ये होते हैं चुनाव जीतने के ज्योतिषीय टिप्स और वास्तु टिप्स

  ये होते हैं चुनाव जीतने के ज्योतिषीय टिप्स और वास्तु टिप्स

   हमारे देश में देश भर में राजनीति  की लहर चलती रहती  है। हमेशाकोई न कोई चुनाव। एक पद के लिए एक हजार प्रत्यासी। सभी का अपना-अपना दावा कि, हमाराचुनाव निकल रहा है, कृपया मेरा सपोट करना। चुनाव तो निकलेगा ही, मगर किसी एक का ही।लेकिन दावा सभी का होता है। ये भी एक विचित्रता ही है। या समाज को ही ग़लतफ़हमी मेंडाला जाता है। या फिर खुद ही ग़लतफ़हमी में होता है हर प्रत्यासी। और यह ग़लतफ़हमीसचमुच ऐसा वायरस है जो जिंदगी को ही अँधेरे में करके रख देता है।
     
 पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार चुनाव के अन्दर प्रत्याशी बनने और चुनाव कोजीतने मे बहुत जद्दोजहद करनी पडती है,कोई धन का बल लेकर चुनाव जीतना चाहता है कोईअपने बल और दादागीरी पर चुनाव जीतना चाहता है,किसी के पास दादागीरी और धन दोनों हीनही है तो वह भलमन्साहत से चुनाव जीतने की कवायद करता है। लेकिन सभी कुछ होने केबाद भी जब व्यक्ति चुनाव हार जाता है,तो उसकी जनता ही नही अपनी खुद की आत्मा भीधिक्कारती है कि अमुक कारण का निवारण अगर हो जाता तो चुनाव जीता जा सकता था।  पंडितदयानंद शास्त्री के अनुसार चुनाव का जीतना और राज करना दोनो ही अलग अलग बातें है,एकसाधारण और कम पढा लिखा आदमी भी चुनाव जीत सकता है,और बहुत पढा व्यक्ति भी किसी नेताकी चपरासी के अलावा कुछ नही कर सकता है,यह सब आदमी के बस की बात नहीं,यह सब होता हैसितारों का खेल,अगर सितारे माफ़िक हों तो सभी कुछ हो सकता है,और अगर सितारे बस मेंनही है और खिलाफ़ है तो वह बना बनाया काम भी बरबाद होते देर नहीं लगती है। कोई भीज्योतिषी सितारे खराब है या अच्छे है बता सकता है,खिलाफ़ सितारों के लिये उपाय केअन्दर सितारों को माफ़िक करने का रत्न धारण करवा सकता है टोटका करवा सकता है,
 
 पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार किसी भी जन्म कुंडली से पता किया जा सकता हैकि आपकी कुंडली के सितारे माफ़िक है,या खिलाफ़,और खिलाफ़ है तो किस कारण से है,राजकरने का सितारा अगर खराब है तो किस कारण से खराब है,खराबी सितारे के बैठने के स्थानपर है,या सितारा जहां बैठा है वहां पर किसी खराब सितारे की निगाह है,या पडौस मेंकोई खराब सितारा अपनी नजर रखकर की जाने वाली सभी हरकतें दुश्मनों को सप्लाई कर रहाहै,अथवा समय आने पर कोई दुश्मन सितारा अपने राज करने के सितारे से आकर टकराने वालाहै,अथवा सितारा जिस स्थान पर बैठा है,वहां पर राज करने के लिये ठंडे माहौल की जरूरतहै,और राज करने के लिये टकराने के समय में कोई गर्म सितारा आकर अपने अनुसार गर्मीका माहौल पैदा करने वाला है।
 
अब करते रहिए दावा और देते रहिए चुनौतियां। होगा वही जो डंके की चोट पर कियाजाएगा। और डंके की चोट वही दिखाता है, जो खुद में भी दम रखता है और दाम भी। मेरेखयाल से दुनिया में कुछ असंभव तो है ही नहीं, क्योंकि हर समस्या का समाधान  समस्या की तकनीक पर ही निर्भर है। यानी  जैसी समस्या या जरुरत वैसासमाधान अथवा पूर्ति। आज मैं किसी भी चुनाव में विजेता होने का कुछ सटीक उपायबताऊंगा जिसका विधि पूर्वक प्रयोग किया जाय तो निश्चित ही चुनाव में विजय हासिलकिया जा सकता है। ये उपाय सभी तरह के  चुनाव के लिए उपयुक्त होगा। लाभ निश्चित हीमिलेगा।
    
किसी भी  चुनाव में कुछ बुनियादी बातें प्रत्यासी में होना आवश्यक है। जैसे-कर्मठता, समाजसेवी भावना, व्यवहारशीलता आदि। ईमानदारी की बात मैं नहीं करता यहफैसला चुनाव निकलने के बाद आप करेंगे। अभी समाज में यह चर्चा जरुर होनी चाहिए कि, आप व्यक्तित्व और व्यवहार के राजा हैं, तो आपको चांस दिया ही जा सकता है। फिर तो आपसमझ लीजिए 60% चुनाव जीत गए। अब आता है चुनाव जीतने के लिए संत ऋषिओं  का आशीर्वादऔर ग्रन्थ शास्त्रों से चुनी गई कुछ बेजोड़  प्रभावशाली विधिंयां जो आपके पोलिटिक्सप्रयास को पूर्ण सफल बना सकती है।
 
यदि आप लोकसभा, विधानसभा, राज्यसभा, जिला पंचायत, जनपद पंचायत, नगर पालिकनिगम, ग्राम पंचायत, सोसायटी या अन्य किसी पद के लिए चुनाव लड़ने का सोच रहे हैं, तो यहां वास्तु एवं ज्योतिषानुसार कुछ ऐसी बातें बताई जा रही हैं जिसके बारे में आपशायद ही जानते होंगे। पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार वास्तु और ज्योतिष के येछोटे-छोटे टिप्स आप आजमाएंगे तो आपको चुनाव जीतने में किसी भी प्रकार की परेशानी कासामना नहीं करना पड़ेगा और आप अपने प्रतिद्वंद्वी को आसानी से हरा सकते हैं।
 
चुनाव जीतने के तीन बल---
इन सब कारणों का पता करने के बाद तीन बलों का सामजस्य बैठाना जरूरी है,वैसे तोयह तीन बल सभी काम के लिये उत्तम माने जाते है लेकिन राज करने वाले के लिये यह तीनोबल हमेशा जरूरी है,इन तीन बलों को पहिचानना बहुत जरूरी होता है,जो इन तीन बलों कासामजस्य बनाकर चल दिया है वह सबसे अधिक तरक्की के रास्ते पर चला गया,और जिसे इनतीनों बलों का सामजस्य नहीं करना आता है वह सब कुछ होते भी बरबाद होता चला जाताहै,आइये आपको इन तीनों बलों का ज्ञान करवा देते हैं,अपनी कुन्डली को खोल कर देखियेकि यह तीनों बल आपके किस किस भाव में अपनी शोभा बढा रहे है,और यह तीनो बल आपकी किनकिन सफ़लता वाली कोठरियों के बंद तालों को खोल सकते है। 
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